वास्तु शास्त्र अगर आप भी देते हैं ये चीजें गिफ्ट में, तो अभी रुक जाइए! वास्तु के अनुसार हो सकती है बड़ी अनहोनी

भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। यह न केवल घर की संरचना को लेकर दिशा-निर्देश देता है, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी छोटी-छोटी बातों में भी सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को समझाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ वस्तुएं ऐसी मानी जाती हैं, जिन्हें किसी को उपहार में देना अशुभ फल प्रदान कर सकता है। ये चीजें रिश्तों में खटास ला सकती हैं, आर्थिक तंगी पैदा कर सकती हैं या मानसिक अशांति का कारण बन सकती हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें कभी भी किसी को गिफ्ट नहीं करना चाहिए।

तेजधार वाली वस्तुएं (चाकू, कैंची, ब्लेड आदि)

तेजधार वस्तुएं वास्तु में अत्यंत अशुभ मानी जाती हैं। इन्हें उपहार में देना रिश्तों में दूरी और कटुता का संकेत माना जाता है। चाहे वह शादी, जन्मदिन या कोई अन्य अवसर हो, ऐसी वस्तुओं को गिफ्ट करने से परहेज करना चाहिए। कहा जाता है कि तेज चीजें रिश्तों को ‘काट’ देती हैं और तनाव या विवाद को जन्म देती हैं।

काले रंग की वस्तुएं या कपड़े

काले रंग को वास्तु शास्त्र में शनि ग्रह से जोड़ा जाता है, जो दुख, असफलता और रुकावटों का प्रतीक है। किसी को काले कपड़े, बैग या अन्य वस्तुएं उपहार में देना दुर्भाग्य को आमंत्रित कर सकता है। यह न केवल देने वाले के लिए नकारात्मक होता है, बल्कि लेने वाले के लिए भी शुभ नहीं माना जाता।

कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस

कांटेदार पौधे घर में निगेटिव ऊर्जा फैलाते हैं और वास्तु के अनुसार इन्हें घर में रखना भी वर्जित माना गया है। यदि किसी को कैक्टस जैसा पौधा उपहार में दिया जाता है, तो यह उनके जीवन में परेशानियों और बाधाओं का कारण बन सकता है। ऐसे पौधे केवल डेकोरेशन के लिए सुंदर लग सकते हैं, लेकिन वास्तु दृष्टि से यह एक गलती हो सकती है।

घड़ी (वॉल क्लॉक या कलाई घड़ी)

घड़ी को समय का प्रतीक माना जाता है और समय का रुकना या खत्म होना एक नकारात्मक संदेश देता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी को घड़ी देना उनके जीवन में समय की कमी, बाधाओं या रुकावटों को जन्म दे सकता है। खासकर जब घड़ी पुरानी हो या बंद हो, तो उसका असर और भी बुरा माना जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, मिक्सर आदि उपहार में देने से घर में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। यह उपकरण प्राकृतिक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डालते हैं और वास्तु के अनुसार इसे शुभ उपहारों की सूची में नहीं रखा जाता। विशेषकर तब जब यह बिना विशेष कारण या अवसर के दिया जाए।

चमड़े से बनी वस्तुएं

चमड़े की वस्तुएं जैसे बेल्ट, जूते, पर्स आदि मृत पशुओं से प्राप्त होती हैं और इन्हें अशुद्ध या तामसिक प्रकृति का माना गया है। वास्तु शास्त्र कहता है कि ऐसी वस्तुएं घर में नकारात्मकता को आमंत्रित करती हैं और यदि इन्हें उपहार में दिया जाए तो यह व्यक्ति के जीवन में आर्थिक और मानसिक समस्याएं ला सकती हैं।

दर्पण (मिरर)

दर्पण ऊर्जा को परावर्तित करता है और यदि इसे सही स्थान पर न रखा जाए, तो यह घर में भ्रम और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। किसी को दर्पण उपहार में देना वास्तु में अशुभ माना जाता है क्योंकि यह रिश्तों में दरार या अस्थिरता पैदा कर सकता है।

धार्मिक मूर्तियाँ और प्रतीक

धार्मिक वस्तुएं बहुत पवित्र मानी जाती हैं और इनका उचित तरीके से पूजन और देखभाल जरूरी होती है। यदि इन्हें उपहार में दिया जाए और प्राप्तकर्ता इन्हें सही तरीके से न रखे तो यह अनादर का कारण बन सकता है। यही कारण है कि वास्तु विशेषज्ञ धार्मिक मूर्तियों को उपहार में देने से बचने की सलाह देते हैं।

अचार या पिकल्स

अचार को उपहार में देना वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है क्योंकि यह आपके कर्मों को किसी और के साथ बांटने जैसा होता है। यह न केवल स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता बढ़ा सकता है, बल्कि पारिवारिक समृद्धि को भी प्रभावित कर सकता है।

कांच की बनी वस्तुएं

कांच नाजुक होता है और जल्दी टूट जाता है। यह रिश्तों की नाजुकता और अस्थिरता का प्रतीक बनता है। अगर कांच की चीजें किसी को दी जाती हैं और वह टूट जाए, तो इसे रिश्ते टूटने का संकेत माना जाता है।

किन चीजों को देना माना जाता है शुभ?

अगर आप किसी को कुछ देना चाहते हैं और चाहते हैं कि वह उनके जीवन में खुशहाली लाए, तो वास्तु के अनुसार इन वस्तुओं को उपहार में देना बेहतर होता है:

  • तुलसी, मनी प्लांट जैसे पौधे
  • क्रिस्टल या सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाले रत्न
  • धार्मिक पुस्तकों या प्रेरणादायक किताबों का सेट
  • सुगंधित अगरबत्ती, धूपबत्ती या एरोमा ऑयल
  • ध्यान से जुड़ी वस्तुएं जैसे जप माला, आसन आदि
  • सुंदर चित्रकला या सकारात्मक सोच दर्शाने वाली कलाकृतियां

निष्कर्ष

वास्तु शास्त्र केवल इमारतों की दिशा तय करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन की हर गतिविधि से जुड़ा हुआ है। उपहार देना एक भावनात्मक प्रक्रिया है, लेकिन अगर इसमें वास्तु के नियमों का पालन न किया जाए, तो यह रिश्तों और जीवन में नकारात्मक असर डाल सकता है। इसलिए अगली बार जब आप किसी को कुछ देने का सोचें, तो यह ध्यान रखें कि क्या वह वास्तु के अनुसार शुभ है या नहीं।

अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में शांति, समृद्धि और रिश्तों में मिठास बनी रहे, तो उपहार देने में सोच-समझकर चयन करें।

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