8 मई 2025 का पंचांग: आज बन रहे हैं दुर्लभ शुभ मुहूर्त, जानें किस काम के लिए है सबसे अच्छा समय!

हर दिन की अपनी एक अनूठी ऊर्जा होती है और पंचांग उस दिन की खगोलीय स्थिति के साथ-साथ शुभ-अशुभ समय का मार्गदर्शन देता है। 8 मई 2025 का दिन राजस्थान में एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन का पंचांग कई धार्मिक और सामाजिक अनुष्ठानों के लिए उपयोगी मुहूर्त बताता है। आइए इस दिन के महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से जानें और समझें कि किन समयों में कौन से कार्य करते हुए शुभ स्थिति का लाभ मिलता है।

तिथि और समय सीमा

8 मई 2025 को शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि शुरू से अंत तक चलती है, लेकिन दोपहर 12:29 पर द्वादशी की शुरुआत होती है। इसका अर्थ यह हुआ कि सुबह से दोपहर 12:29 तक शुक्ल एकादशी का व्रत रखा जा सकता है या जो भी एकादशी से संबंधित पूजा-अर्चना हो, वह इसी अवधि में संपन्न करनी चाहिए। 12:29 के बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाती है, तब द्वादशी से संबंधित अनुष्ठान किए जाते हैं।

नक्षत्र का महत्व

पूजा-पाठ, विवाह या गृह प्रवेश जैसी विधियों में नक्षात्रों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सुबह से रात्रि 9:06 बजे तक प्रभावी रहेगा। यह नक्षत्र विशेषकर सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों के लिए अनुकूल माना जाता है। रात्रि 9:06 के बाद हस्त नक्षत्र आरंभ हो जाएगा, जो कलात्मक गतिविधियों और स्वास्थ्य संबंधी उपायों के लिए लाभकारी होता है।

योग एवं करण

इस दिन हर्षण योग पूरे दिन रहेगा और रात्रि 1:57 बजे तक जारी रहेगा। हर्षण योग को मानसिक प्रसन्नता और आनन्द का योग कहा जाता है, अतः किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत इस योग के प्रभाव में की जा सकती है। करण की दृष्टि से, सुबह से दोपहर 12:29 तक विश्टि करण चलता है, जबकि दोपहर 12:29 के बाद वज्र करण आरंभ हो जाता है। विश्टि करण में जटिल कार्यों से बचना चाहिए, लेकिन वज्र करण में स्थिरता और दृढ़ता की आवश्यकता वाले कार्य लाभप्रद होते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त

प्रत्येक दिन की शुरुआत सूर्य के उदय से होती है। 8 मई 2025 को सूर्योदय का समय सुबह 5:12 बजे निर्धारित है। यह समय अध्यात्मिक साधना, सूर्योदय नमस्कार या योगाभ्यास के लिए उत्तम है। वहीं, सूर्यास्त शाम 6:16 बजे होगा। सूर्यास्त से पूर्व अर्घ्य देने और वेद-पाठ आदि अनुष्ठान करने का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

चंद्र उदय एवं चंद्रास्त

चंद्रमा की चाल भी अनेक कार्यों में मार्गदर्शक होती है। इस दिन चंद्र उदय सुबह 3:09 बजे होगा, जिससे रात्रि अनुष्ठानों में चंद्रदर्शन का लाभ पूरा उठाया जा सकता है। चंद्रास्त रात्रि 9:35 बजे निर्धारित है, जो चंद्रस्थापना और पूजन के पश्चात का अनुष्ठान समाप्त करने का समय है।

राहु काल, गुलिक काल और यमगंड काल

दैनिक कार्यों में बाधा या जोखिम से बचने के लिए राहु काल, गुलिक काल और यमगंड काल का ज्ञान आवश्यक है।

  • राहु काल दोपहर 2:00 से शाम 3:39 बजे तक रहेगा। इस अवधि में यात्रा, नई शुरुआत या वित्तीय निर्णय टाल देना उचित रहता है।
  • गुलिक काल (मंडी काल) सुबह 9:08 से 10:45 बजे के बीच होता है, जिसे मध्यान्ह में अल्पकालिक अनिष्टकारी समय माना जाता है।
  • यमगंड काल सुबह 5:53 से 7:30 बजे तक रहेगा। यह समय भी ऊर्जा में गिरावट और बाधा का समय होता है।

अभिजीत मुहूर्त

दिन के मध्य में अभिजीत मुहूर्त विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ होता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। यदि आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना चाहते हैं या पूजा-अर्चना का मुख्य रस पढ़ना चाहते हैं, तो यह समय उत्तम रहेगा।

मुख्य शुभ मुहूर्त

विविध धार्मिक और सामाजिक अनुष्ठानों के लिए शुभ मुहूर्तों का चयन करना सर्वोत्तम होता है। 8 मई 2025 के लिए प्रमुख मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • विवाह का उपयुक्त समय दोपहर 12:29 बजे से रात्रि 1:57 बजे (9 मई) तक उपलब्ध है। इस अवधि में तिथि द्वादशी, नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी/हस्त तथा हर्षण योग का समन्वय है, जो वैवाहिक जीवन में सौभाग्य एवं समृद्धि का संकेत बनता है।
  • गृह प्रवेश के लिए सुबह 5:35 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक का समय अनुकूल है। इस अवधि में नए घर में प्रवेश करना सुख-समृद्धि तथा परिवार की एकता बनाए रखने में सहायक माना जाता है।
  • वाहन खरीद के लिए इस दिन कोई विशिष्ट शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है, अतः बेहतर होगा कि आप किसी अन्य दिन या व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर शुभ समय देखें।
  • नामकरण संस्कार के लिए भी इस दिन कोई विशेष मुहूर्त नहीं बनाया गया है, अतः इसे किसी अन्य शुभ दिन के लिए स्थगित किया जा सकता है।
  • मुंडन संस्कार के लिए इस दिन कोई अनुकूल समय नहीं पाया गया, अतः आप कोलकाता पंचांग या स्वयं की कुंडली अनुसार बेहतर मुहूर्त देख सकते हैं।
  • भूमि पूजन का शुभ समय दोपहर 12:30 बजे से रात्रि 9:06 बजे तक उपलब्ध है। यदि आप नया भूखंड खरीद रहे हैं या कोई निर्माण कार्य प्रारंभ करना चाहते हैं, तो इस अवधि में भूमि पूजन अवश्य करवाएं।

निष्कर्ष

8 मई 2025 को राजस्थान में पंचांग के अनुसार कई अनुष्ठानों के लिए अनुकूल समय उपलब्ध हैं। तिथि, नक्षत्र, योग-करण, अभिजीत मुहूर्त एवं राहु-गुलिक-यमगंड काल का समुचित ज्ञान आपको शुभ कार्यों में सफलता और समृद्धि प्रदान करेगा। ध्यान रहे कि प्रमुख मुहूर्तों का लाभ उठाते हुए विवाह, गृह प्रवेश, भूमि पूजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियोजित करें। इसके अलावा वाहन क्रय, नामकरण या मुंडन के लिए वैकल्पिक दिन का चयन करना उचित रहेगा। इस पंचांग के आधार पर आप अपने पारिवारिक और सामाजिक आयोजन सहजता तथा सौभाग्यपूर्ण रूप से सम्पन्न कर सकते हैं।

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